बलिया :- बलिया-सोनौली मार्ग पर राज्य सड़क निधि से बनने वाली सड़क में आहरित धनराशि के सापेक्ष कार्य न होने के मामले में लोक निर्माण विभाग कीदिक्कतें बढ़ने वाली हैं। 61 करोड़ रुपये आहरण होने के बाद मात्र 12किमी निर्माण होने के मामले में सीडीओ ने गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को उच्च स्तरीय जांच की संस्तुति की है।बलिया-सिकंदरपुर-सोनौली मार्ग पर राच्य सड़क निधि से बनने वाले मार्ग के लिए शासन ने पीडब्ल्यूडी को दो किस्तों में कुल 61 करोड़ रुपये का भुगतान किया पर निर्माण करने वाली संस्था ने मात्र 12 किलोमीटर ही कार्य कराया। लोगों की शिकायत पर जब सीडीओ ने कार्य बंद होने का कारण जानना चाहा तो बताया गया कि जितना बजट मिला था कार्य करा दिया गया है। मामले की सच्चाई जानने के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने जिलाधिकारी के आदेशपर दो सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी। अधिशासी अभियंता जलनिगम व आरइएस ने मामले की जांच कर रिपोर्ट सीडीओ को प्रस्तुत कर दी। जांच रिपोर्ट में कहागया कि कार्यदायी संस्था ने संबंधित फर्म को जितना पैसा दिया फर्म ने तो उतना कार्य करा दिया है। अब सवाल उठता है कि शेष पैसा क्या हुआ। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के अनुसार इस सड़क के लिए निर्गत किए गए पैसे से डामर(अलकतरा) का आर्डर दिया गया है। जबकि हकीकत है कि उक्त राशि का अलकतरा भी जिले को प्राप्त नहीं हुआ है। मामला गंभीर देख विभाग की भूमिकापर सवालिया निशान लगाते हुए मुख्य विकास अधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने के लिएगंभीर संस्तुति प्रेषित की है।
R.P.G.
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