Wednesday, 13 April 2016

R.P.G. breaking news.........

ैलखनऊ:-  आशियाना गैंगरेप केस मामले में मुख्य आरोपी गौरव शुक्ला को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया गया है। सजा पर सुनवाई 15 अप्रैल को होगी। दोषी करार दिए जाने के बाद गौरव शुक्ला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।11 साल पहले लखनऊ के आशियाना में हुए गैंगरेप केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला ने यह फैसला दिया।जब कोर्ट ने फैसला सुनाया गौरव शुक्ला कोर्ट में ही मौजूद था। कोर्ट ने उसे दोषीतो बताया, लेकिन वो धाराएं नहीं बताईं गईं, जिनमें उसका दोष सिद्ध हुआ है।इस मामले में अभियोजन साक्ष्य समाप्त होने के बाद पक्षकारों की ओर से बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने नौ फरवरी को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। परंतु आरोपीकी आयु का विवाद हार्इकोर्ट के समक्ष लंबित रहने के कारण हार्इकोर्ट ने आरोपी कीआयु के संबंध में अपना फैसला दिए जाने तक मुकदमे के निर्णय पर रोक लगा दी थी। इसके बाद जस्टिस महेंद्र दयाल ने सेशन कार्ट के निर्णय पर मुहर लगाते हुए आरोपी गौरव शुक्ला को बालिग करार दिया था। पीड़िता के पिता (वादी) की ओर से हार्इ कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि विचारण न्यायालय को निर्देश दिया जाए कि वह अपना फैसला सुनाए। याचिका पर जस्टिस सुधीर कुमार सक्सेना ने विचारण न्यायालय को निर्देश दिया कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी की वस्तु स्थिति एवं उसके आदेश के बाबत बचाव पक्ष द्वारा ठोस जानकारी न दिए जाने की स्थिति में विचारण न्यायालय 13 अप्रैल को इस मामले में अपना निर्णय सुनाए।इस मामले में दोनों पक्षों का साक्ष्य समाप्त होने और बहस पूरी होने के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गत नौ फरवरी को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। आरोपी कीआयु का विवाद हाईकोर्ट में लंबित रहने के कारण इस संबंध में फैसला दिए जाने तक निर्णय पर रोक लगा दी थी। इसके बाद न्यायमूर्ति महेंद्र दयाल ने सेशन कोर्ट के निर्णय पर मुहर लगाते हुए आरोपी गौरव शुक्ला को बालिग करार दिया था।पीड़िता के पिता (वादी) की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया गया था कि विचारण न्यायालय को निर्देश दिया जाए कि वह अपना फैसला सुनाए। याचिका पर न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने विचारण न्यायालय को निर्देश दिया कि सुप्रीमकोर्ट में दाखिल एसएलपी की वस्तु स्थिति और उसके आदेश के बाबत बचाव पक्ष द्वारा ठोस जानकारी नहीं दिए जाने की स्थिति में विचारण न्यायालय 13 अप्रैल को इस मामले में अपना निर्णय सुनाए।

   R.P.G.

No comments:

Post a Comment