Wednesday, 23 March 2016

R.P.G. breaking news.......

लखनऊ:-  अगर आप यूपी पुलिस से किसी मामले में न्याय की उम्मीद लगाकर जायें तो आप कीयह सोच बिल्कुल गलत है। हलाकि न्याय की आस में आप को जेल की भी हवा खानी पड़ सकती है। जी हां! यह सच है। ऐसा ही एक मामला यूपी के जौनपुर जिले में सामने आया है। यहां एक परिवार में शादी थी। परिवार वालों ने अपने बेटा-बेटी की धूमधाम से शादी की यह बात पड़ोसी को नहीं अच्छी लगी।दबंग पड़ोसी ने परिवार पर धावा बोल दिया और जमकर मारपीट की। पीड़ितों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दबंगों पर कार्यवाई करनेके बजाय पीड़ित पक्ष को ही शांति भंग में जेल भेज दिया। पुलिस के इस कारनामे की पीड़िता ने लिखित शिकायत महिला सम्मान प्रकोष्ट से की। महिला सम्मान प्रकोष्ट कीडीजी सुतापा सान्याल ने पीड़िता की शिकायत पर डीजी ने एसएसपी को इस बारे में जांच कर कार्यवाई करने के निर्देश दिए हैं।यह है पूरा मामलामामला जौनपुर जिले के जाफराबाद थानाक्षेत्र के नासही गांव का है। यहां के रहने वाले ब्राह्मण अजय शुक्ला ने अपने साथ पढ़ने वाली दलित युवती कविता भास्कर से (दोनों नाम काल्पनिक) प्रेम विवाह किया था। दोनों के घरवालों ने हिन्दू रीति रिवाज से धूमधाम से शादी की। लेकिन यह शादी अजय के पड़ोसी महेंद्र प्रजापति पुत्र देवराज प्रजापति को नहीं भायी। वह इस शादी से नाराज था। शादी के महेंद्र ने अजय के घर में घुसकर पूरे परिजनों को जमकर पीटा, इसकी जब पीड़ितों ने सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दबंगों पर कार्यवाई करने के बजाय अजय के ही परिजनों को शान्ति भंग की धाराओं में जेल भेज दिया।खाना खाते समय फोन करने पर झल्लाई थी पुलिसमहिला सम्मान प्रकोष्ठ में अपनी और अपने पति की जान की रक्षा करने की गुहार लगाने पहुंची पीड़िता कविता ने बताया पिछली 23 फरवरी को महेंद्र उसकी छत पर चढ़ आये और मारपीट करने लगे। कविता ने जिस समय घटना की जानकारी देने के लिए 100 नम्बर डायल कर फोन किया गया था। उस समय थानाध्यक्ष खाना खा रहे थे। जल्दीपुलिस भेजने पर उन्होंने कहा था खाना भी नहीं खाने देते हो इसका अभी आकर सबक सिखाता हूं। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित परिवार वालों को जाति सूचक गलियां दी। इतना ही नहीं पुलिस ने महिलाओं से भी अभद्रता की और ससुराल वालों को जेल भेजदिया। पीड़िता ने बताया आरोपी पक्ष के लोग अब जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।महिला सम्मान प्रकोष्ठ का बढ़ रहा दायरामहिला सम्मान प्रकोष्ठ के बारे में अब यूपी भर के लोग जानने लगे हैं। यहां आने वाले पीड़ितों की डीजी सुतापा सान्याल की टीम में एएसपी रुचिता और इंस्पेक्टर सत्या सिंह की निगरानी में महिला उप निरीक्षक बेहतर ढंग से काउंसलिंग करतीं हैं।पीड़ितों को जब महिला पुलिस टीम आमने-सामने बैठाकर बात करके समझाती है। इसे सुनकार आप भी अवाक रह जायेंगे। एक बार आप यह जरुर सोंचेंगे कि काउंसलिंग करके केस में समझौता करवाना पुलिस के लिए कितना कठिन होता है। हलाकि वर्तमान समय में डीजी के बेहतर कार्य से और विभिन्न तरीकों से जागरुकता फैलाने के चलते महिला सम्मान का यूपी में दायरा तेजी से बढ़ रहा है।

   R.P.G.

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