Saturday, 12 March 2016

R.P.G. breaking news........

वाराणसी:- सीएम अखिलेश की पुलिस कितनी असंवेदनशील है इसका �उदाहरण आये दिन देखने को मिलता है। पहले तो एक दरोगा ने एक बुजुर्ग का टाइपराइटर तोड़ दिया था और एक डीआईजी ने अतिक्रमण करने के आरोप में एक बुजुर्ग को तमांचा जड़ दिया था। पुलिस की असंवेदनशीलता यहीं खत्म नहीं होती है। शनिवार को पीएससी के एक दरोगा नेअपनी मां के साथ ही ऐसा कृत्य कर दिया। दरोगा ने गूंगी मां के खाते से पैसे निकाले और फिर उसे कमरे में बंद कर चला गया। एक दिन बाद स्थानीय लोगों की सूचना पर मंडुवाडीह पुलिस ने ताला तोड़ कर मां को आजाद कराया।�मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के भुल्लनपुर के शिवनगर कालोनी में पीएससी के दरोगा अमरनाथ पाण्डेय का दो बिस्वा जमीन हैं, जहां पर एक कमरा व किचन व शौचालय बना हुआ है। अमरनाथ पाण्डेय के निधन के बाद मृतक आश्रित के तौर पर उसके बेटे बृजेश पाण्डेय को पीएससी में नौकरी मिली है। बृजेश इन दिनों लखनऊ में तैनात है, जहां वहअपनी पत्नी के साथ रहता है और शिवनगर कालोनी में उसकी मां कमला पाडेय (70) रहती है। दो दिन पहले दरोगा अपनी पत्नी के साथ शिवनगर आया और मां को लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा गया। यहां पर उसके पिता के पेंशन की मिली लगभग 3.50 लाख की रकम जमाथा। दरोगा ने मां से हस्ताक्षर कराने के बाद सारी रकम निकाल ली और एक दिन पहले रात में मां के कमरे में बाहर से ताला बंद किया और पत्नी के साथ लखनऊ रवाना हो गया। शनिवार को सुबह शिवनगर कालोनी में स्थानीय लोगों ने कमला पाण्डेय को नहीं देखा तो उन्हें शक हुआ। स्थानीय लोग कमला पांडेय के घर पहुंचे तो देखा वृद्धा अंदर रो रही है और बाहर से ताला लगा हुआ है। इस पर किसी ने 100 नम्बर पर इसकीसूचना दे दी। मौके पर पहुंची मंडुवाडीह पुलिस ने ताला तोड़ कर वृद्धा को आजाद कराया। स्थानीय लोगों ने पीएससी के दरोगा को फोन करने का भी प्रयास किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया।

    R.P.G.

No comments:

Post a Comment